ISSF शूटिंग विश्व कप: एक संक्षिप्त इतिहास

साल 1986 से हर साल आयोजित होने वाला इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (ISSF) वर्ल्ड कप इस खेल का एक बेहद प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है।

6 मिनटद्वारा सतीश त्रिपाठी
Apurvi Chandela Photo: ISSF

शूटिंग एक बेहद दिलचस्प खेल है जिसमें अन्य खेलों के मुकाबले काफी धैर्य और अनुशासन की ज़रूरत होती है।

हालांकि, यह कुछ अन्य तेज गति वाले खेलों की तरह एक्शन और रोमांच से भरपूर नहीं हो सकता है, लेकिन शूटिंग रेंज में अपने लक्ष्य पर निशाना साधने के दौरान एक निशानेबाज जिस सटीकता, एकाग्रता और शरीर की स्थिति का इस्तेमाल करता है वह देखने लायक है।

इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फ़ेडरेशन (ISSF) के द्वारा नियंत्रित शूटिंग में ISSF विश्व चैंपियनशिप जैसी शीर्ष स्तरीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता शामिल है। इसके अलावा शूटिंग ओलंपिक गेम्स में शामिल सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी खेलों में से एक है।

ISSF शूटिंग विश्व कप की गिनती निशानेबाजी की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में की जाती है और सभी निशानेबाजों के लिए एक वर्ल्ड कप में पदक जीतना बेहद यादगार और अहम पल होता है।

ISSF वर्ल्ड कप प्रतियोगिता के सफर की शुरुआत साल 1986 में हुई थी।

ISSF शूटिंग विश्व कप की शुरुआत

साल 1896 में उद्घाटन संस्करण के बाद से किसी न किसी रूप में निशानेबाजी की प्रतिस्पर्धा ओलंपिक का हिस्सा रही है। लेकिन, शूटिंग को नियंत्रित करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था - ISSF का गठन साल 1907 में हुआ था।

ISSF ने साल 1947 से शूटिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप प्रतियोगिता आयोजित करने का फैसला किया और आने वाले वर्षों में शूटिंग को यूरोपीय चैंपियनशिप, पैन अमेरिकन गेम्स और एशियाई खेल में भी शामिल किया गया।

हालांकि, 1970 के दशक में और 1980 के दशक की शुरुआत में कई देशों ने शूटिंग की अपनी ख़ुद की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया और दुनिया भर के बेहतरीन निशानेबाजों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित। शूटिंग के लिए अपनी मेज़बानी में प्रतियोगिताओं का आयोजन करने वाले देशों में मेक्सिको, जर्मनी, क्यूबा, ​​रोमानिया सहित कई अन्य देश भी शामिल थे।

आख़िरकार ये प्रतियोगिताएं ISSF वर्ल्ड कप आयोजित करने का आधार बनीं। वे योजनाओं साल 1986 में धरातल पर उतरीं जब ISSF ने इसको लेकर एक नई पहल की, जिससे निशानेबाजों को अधिक प्रतिस्पर्धा का मौका मिले और ओलंपिक खेल में जगह बनाने के लिए भी उन्हें अधिक अवसर मिल सके। इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि विश्व कप में बनाए गए शूटिंग के स्कोर को विश्व रिकॉर्ड में भी शामिल किया जाएगा।

अलग-अलग देशों द्वारा आयोजित प्रमुख प्रतियोगिताओं को जल्द ही ISSF वर्ल्ड कप के रूप में नामित किया गया। यह सिलसिला आज भी जारी है, जिसमें अलग-अलग शहरों में हर साल राइफल, पिस्टल और शॉटगन स्पर्धा के कई वर्ल्ड कप आयोजित किए जाते हैं।

शुरुआत में, हर साल छह ISSF विश्व कप का आयोजन किया जाता था। हालांकि, साल 1992 से यह संख्या घटकर पांच हो गई। वहीं, साल 1996 से प्रत्येक वर्ष चार शूटिंग वर्ल्ड होते हैं और ओलंपिक खेल के आयोजन वाले साल में शूटिंग के तीन विश्व कप का आयोजन किया जाता है।

पहला ISSF शूटिंग वर्ल्ड कप 1986 में मेक्सिको सिटी में आयोजित किया गया था, जहां पुरुषों और महिलाओं के लिए 10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर पिस्टल, 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन और 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल की स्पर्धा शामिल थी। 

मेक्सिको के ग्वाडलजारा में आयोजित 2018 शूटिंग विश्व कप में 10 मीटर एयर राइफल और 10 मीटर एयर पिस्टल की मिश्रित टीम स्पर्धा की शुरुआत की गई थी।

भारतीय शूटर गगन नारंग ने ISSF वर्ल्ड कप में दो स्वर्ण और चार कांस्य पदक अपने नाम किए हैं।
भारतीय शूटर गगन नारंग ने ISSF वर्ल्ड कप में दो स्वर्ण और चार कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। (2006 Getty Images)

ISSF हर वर्ष ISSF विश्व कप फाइनल का भीआयोजन करता है जिसकी शुरुआत साल 1988 में हुई, जिसमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर वाले आठ निशानेबाज प्रतिस्पर्धा करते हैं। हालांकि, विश्व कप के फाइनल में किसी भी देश से अधिकतम दो निशानेबाज ही शामिल हो सकते हैं। साथ ही, शूटिंग विश्व कप के डिफेंडिंग चैंपियन के अलावा ओलंपिक खेल और वर्ल्ड चैंपियनशिप के पदक विजेता को वाइल्ड कार्ड के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। ISSF विश्व कप फाइनल का नाम बदलकर ISSF प्रेसिडेंट कप कर दिया गया है।

साल 2017 से, ISSF एक साल के अंतराल पर विश्व कप फाइनल की मेजबानी कर रहा है।

ISSF विश्व कप का आयोजन राइफल और पिस्टल स्पर्धाओं के लिए किया जाता है। साथ ही हर साल अलग से एक शॉटगन वर्ल्ड कप का भी आयोजन किया जाता है।

ISSF शॉटगन विश्व कप

शॉटगन स्पर्धा में दो कैटेगरी होती हैं - ट्रैप शूटिंग और स्कीट शूटिंग। पहला ISSF शॉटगन वर्ल्ड कप भी 1986 में मेक्सिको सिटी में आयोजित किया गया था।

साल 1986 से साल 1997 के बीच 12 वर्षों तक ISSF शॉटगन वर्ल्ड कप केवल पुरुषों के लिए आयोजित किया जाता था।

मिस्र के काहिरा में 1998 के ISSF शॉटगन वर्ल्ड कप मे पहली बार महिलाओं के लिए ट्रैप और स्कीट स्पर्धा को प्रतियोगिता में शामिल किया गया था।

ISSF शॉटगन वर्ल्ड कप में ट्रैप मिश्रित टीम स्पर्धा की शुरुआत साल 2018 में मेक्सिको के ग्वाडलाजारा संस्करण में हुई थी, जबकि स्कीट मिश्रित टीम स्पर्धा की शुरुआत निकोसिया, साइप्रस में होने वाले 2020 ISSF शॉटगन वर्ल्ड कप में हुई थी।

ISSF शूटिंग विश्व कप में सबसे सफल निशानेबाज

जर्मनी के पिस्टल शूटर राल्फ शुमान ISSF शूटिंग विश्व कप में सबसे सफल एथलीट हैं। उन्होंने अपने 26 वर्षों के करियर में कुल 56 पदक हासिल किए हैं, जिनमें 39 स्वर्ण पदक शामिल हैं।

वहीं, राइफल शूटर राजमंड डेबेवेक ने कुल 67 पदक और 27 स्वर्ण पदक के साथ पदक तालिका में शीर्ष स्थान पर काबिज़ हैं। अमेरिकी विंसेंट हैनकॉक 12 स्वर्ण पदक (कुल 16 पदक) के साथ शॉटगन स्पर्धा की पदक तालिका में सबसे ऊपर हैं।

राजमंड डेबेवेक ISSF वर्ल्ड कप में सबसे सफल राइफल शूटर हैं
राजमंड डेबेवेक ISSF वर्ल्ड कप में सबसे सफल राइफल शूटर हैं (2008 Getty Images)

सर्बिया की पिस्टल शूटर जस्ना सेकारिक 37 स्वर्ण पदक के साथ सबसे सफल महिला निशानेबाज हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में कुल 61 पदक जीते हैं। जबकि, बुल्गारिया की वेसेला लेचेवा ने कुल 55 पदक हासिल किए हैं और वे 31 स्वर्ण पदक के साथ राइफल स्पर्धा की पदक तालिका में सबसे ऊपर हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका की किम्बर्ली रोडे शॉटगन स्पर्धा की पदक तालिका में शीर्ष पर काबिज़ हैं। उन्होंने कुल 33 पदक जीते हैं जिसमें 21 स्वर्ण पदक शामिल हैं।

ISSF शूटिंग वर्ल्ड कप में भारतीय एथलीट

ISSF वर्ल्ड कप और अन्य सभी प्रमुख प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय शूटिंग टीम का चयन भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) द्वारा किया जाता है।

सोमा दत्ता, ISSF विश्व कप में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय निशानेबाज थीं। उन्होंने दक्षिण कोरिया के सियोल में आयोजित साल 1986 के ISSF विश्व कप में महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन प्रतियोगिता में रजत पदक अपने नाम किया था। 

भारतीय निशानेबाजों को ISSF विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने के लिए काफ़ी लंबा इंतज़ार करना पड़ा, जो साल 2003 में ख़त्म हुआ, जब USA के फोर्ट बेनिंग में आयोजित ISSF वर्ल्ड कप में अंजलि भागवत ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया।

ISSF वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय शूटर अंजलि भागवत थीं।
ISSF वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय शूटर अंजलि भागवत थीं। (2008 Getty Images)

ओलंपिक खेल की शूटिंग स्पर्धा में भारत को पहला पदक दिलाने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ISSF विश्व कप में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि शूटिंग में भारत के लिए पहला और एकमात्र ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने ISSF विश्व कप में कभी स्वर्ण पदक नहीं जीता है। इस प्रतियोगिता में उन्होंने अब तक दो कांस्य पदक हासिल किए हैं।

लंदन 2012 के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग ने ISSF वर्ल्ड कप में दो स्वर्ण पदक और चार कांस्य पदक जीते हैं, जबकि उनके साथी ओलंपिक पदक विजेता विजय कुमार ने ISSF वर्ल्ड कप में दो रजत पदक अपने नाम किए हैं।

भारत ने पहली बार साल 2017 में नई दिल्ली में राइफल और पिस्टल विश्व कप की मेजबानी की थी। हालांकि, भारत में पहली बार शॉटगन विश्व कप का आयोजन साल 1997 में किया गया था।

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